
गर्मी के मौसम में सिर में फुंसियां निकलना एक आम समस्या है। फुंसियों के कारण सिर में तेज खुजली और जलन होती है। इस समस्या से आराम पाने के लिए हल्दी और दारूहरिद्रा, भूनिम्ब, त्रिफला, नीम और चन्दन को पीसकर रोजाना सिर पर मालिश करें।
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ये चाय हर किसी के लिए फायदेमंद है. हालांकि, एलर्जी होने पर डॉ की सलाह पर ही यह चाय पीनी चाहिए.
“हल्दी का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करने से लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है, शरीर से विषाक्त पदार्थो को निकलने की प्रक्रिया में सुधार हो सकता है और यकृत संबंधी विकार कम हो सकते हैं” डॉ. लैम कहते हैं। “करक्यूमिन को आयरन ओवरडोज, सिरोसिस, इथेनॉल और कार्बन टेट्राक्लोराइड से लीवर को होने वाले नुकसान को सीमित करने में भी प्रभावी माना जाता है।” इस क्षेत्र में अनुसंधान बढ़ रहा है, लेकिन हल्दी लीवर एंजाइमों के स्तर को कम करने में सक्षम हो सकती है, जो लीवर की क्षति का कारण बनते है।
लिवर से संबंधित समस्या में कच्ची हल्दी फायदेमंद रहती है। कच्ची हल्दी का अचार, चटनी या किसी ना किसी रूप में सेवन जरूर करे। फैटी लिवर डिजीज, लिवर की विषाक्तता, लिवर सिरोसिस की बिमारियों में कच्ची हल्दी का सेवन करना लाभदायक होता है। लिवर से जुड़ी बीमारी के मरीजों को हल्दी का सेवन करने here से पहले डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए।
अगर आपको किसी भी चीज़ से एलर्जी है तो आपको हल्दी का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
गेहूं, जौ या राई के आटे वाली हल्दी का सेवन करने से ग्लूटेन असहिष्णुता या सीलिएक रोग वाले लोगों में प्रतिकूल लक्षण दिखाई दे सकते है।
मात्रा – हल्दी की मात्रा की बात की जाए तो सब्जी बनाते वक्त एक चौथाई चम्मच या उससे थोड़ी कम हल्दी डाल सकते हैं। वहीं, एक गिलास हल्दी दूध में चुटकी भर हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर कोई हल्दी का सप्लिमेंट लेना चाहता है, तो अच्छा होगा कि इस विषय में डॉक्टरी परामर्श लिया जाए। वैसे, हल्दी की तासीर गर्म होती है, तो इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
• हल्दी की चाय बनाकर उपयोग किया जाता है।
हल्दी लगाने के फायदे का अनुभव हेयर मास्क के रूप में भी किया जा सकता है।
हल्दी को हम दूध के साथ या पानी के साथ सेवन कर सकते हैं। रोगग्रस्त जगा इसको लगाने से बहुत जल्दी फायदा मिलता है।
आर्टिकल की शुरुआत करते हैं सेहत के लिए कच्चा हल्दी के फायदे के साथ।
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